ABHIJIT RANJAN

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लेखनी प्रतियोगिता -26-Sep-2022

ठेलेवाला गांव की गलियों में
दोपहर की तपती सूरज में
समय का पहिया घूम रहा हैं

मिट्टी के धूल उड़ रहे थे
सभी बच्चे ठेलेवाले को देख रहे थे
चेहरे पर मेहनत का नमक स्वादानुसार पानी है

मौसम  करवट लेकर आया है
पहिए की रफ़्तार को बढ़ाया हैं
ठेलेवाला खोज रहा हैं ठिकाना
आज पूरा सामान बेचकर हैं घर जाना।

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11 Comments

Raziya bano

27-Sep-2022 06:15 PM

Nice

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Punam verma

27-Sep-2022 08:49 AM

Nice

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Abhinav ji

27-Sep-2022 07:54 AM

Nice

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